धर्मपाल महेंद्र जैन

व्यंग्यकार, कवि 


प्रकाशन :  

        व्यंग्य संकलन- “गणतंत्र के तोते", "चयनित व्यंग्य रचनाएँ", "डॉलर का नोट”, “भीड़ और भेड़िए”, "इमोजी की मौज में", “दिमाग वालो सावधान” एवं “सर क्यों दाँत फाड़ रहा है”         

        कविता संकलन- "अधलिखे पन्ने", “कुछ सम कुछ विषम”,“इस समय तक” (कविता संकलन) प्रकाशित।

अंग्रेजी में- Friday Evening : Verses of Vivid moods तीस से अधिक साझा संकलनों में सहभागिता।

        स्तंभ लेखन : चाणक्य वार्ता (पाक्षिक), सेतु (मासिक), विश्व गाथा (त्रैमासिक), विश्वा (त्रैमासिक), हिंद सागर (रविवारीय)  में व्यंग्य। 

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प्रकाशित पुस्तकें 

कविता संकलन

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